दर्द 7 years ago

Poetry 11 Chapter Created 320 Reads 1 Likes

वैसे तो मैंने कभी कोई पुस्तक लिखी नही है पर यकीं मनो पढ़ कर मज़ा आ जाएगा।। मै तो नही जनता मै कैसा लिखता हूँ, पर मेरे मित्र-गण कहते है तुम्हारी लिखावट दिल को छू लेती है, अब इसमें सच्चाई है या नही, मालूम नहीं शायद ये भी हो सकता है की वो मेरी झूठी तारीफ़ करते हो।। पर आप-सभी पाठक गण से पता चलेगा मै कैसा लिखता हूँ।। इस पुस्तक में मैंने सिर्फ मोहब्बत भरी कविताए, नज़्म, शायरी राखी है उम्मीद है आप-सब को पसंद आएगी।। इश्क की परिभाषा मुझसे न पूछो तो बेहतर है माना मेरे इश्क के चर्चे तह तक है अरे मै तो फूलों में भी परायों सा रहा, और गुलाब, काँटों में भी अपनों सा रहता है।।

Rishu Singh

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