Autho Publication
Author's Image

Pre-order Price

.00

Includes

Author's ImagePaperback Copy

Author's ImageShipping

BUY

Chapter 10 :

महबूब

खामोश रातों में जब

फिज़ाओ में रंग घूलता है

चाँद, हजारों से मिलता है

चांदनी इतराती है

सितारों में कही शर्माती है

तो मेरी रानी जाने क्यों घबराती है

घबराहट उसकी ऐसी धूम मचाती है

लाख समझाने पर समझ न पाती है ।।


 सझाने को उसको गले लगाना पड़ता है

बाँहों में भर धड़कन सुनना पड़ता है