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याद तेरी जब भी आती है सपनो के चौराहों पर
जाने कैसे गीत उमड़ उठता है, दिल की राहों पर
छोड़ गयी है जब से तू, तन्हाई के रेले में
याद तेरी आने पर, होता हूँ तन्हा मैं मेले में
मेरे सपनो में खाबो की बरसात कर गयी
मरुथल के रेले में तू, बारात कर गयी
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