गम ए जुदाई
3 महीने बाद, रानी का, जब फोन आया,
तो मैंने, खुशी से, बर्तन छोड़कर, हाथ पौछकर,
मन में अरमानों को, जगाकर, खुद को उकसा कर,
तुरंत भागकर, उठाया और दरवाजा, लगाया,
कुछ, उसने अपना, अच्छा-बुरा सुनाया
कुछ मैंने, दुखड़ा गाया, कुछ हंसी में, उड़ाया,
कोरोना पर भी, चर्चा होने लगी, लॉकडाउन की खिल्लियां,
उड़ने लगी,
कुछ हंसी-मजाक, कुछ चुटकुले-बाजियां, कुछ बातें, रोमांटिक-सी,
होने लगी,
पुरानी यादें, ताजा होते ही, उनकी याद भी, तड़पाने लगी,
बातों में, शरारत भरी, चुटकियां, मस्तियां, बदतमीजियां, होने लगी,
सब कामकाज छोड़कर, भूलकर, सारे गम भूलकर,
उड़ने लगी, यादों में, तितली-सी पंख फैलाकर,
जो भी, मैंने पूछा, उसने तुरंत,बताया,
मजे ले लेकर, बताया, क्या खूब बताया,
कामिनी का हालचाल, जानना चाहा, देखा पूछकर,
लॉकडाउन में फंसी है, उसने बताया, मजे लेकर,
शादी के बाद से ही, लगातार, लंबे हनीमून में है, स्वाद ले लेकर,
गा-गाकर, सुनाया,
खुशियों की बौछार, लेकर उसके लिए, लॉकडाउन था आया, दिन
में भी, कमरा बंद कराया,