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Chapter 4 :

Poem 4

लॉकडाउन और कोरोना !


एक छोटा-सा मच्छर 
आदमी को हीजड़ा बना देता है
ये तो पता नहीं 
पर कोरोना ने इंसान को खूब नचाया है !

आज समझ आया
आखिर क्यों हाथी चींटी से डरता हैं 
दुश्मन को कभी-भी कम़जोर नहीं समझना चाहिए
भले ही वह कितना भी छोटा हो !

कोरोना ने हमे लॉकडाउन दिया
घर में ही कैद कर दिया 
छोटी- छोटी चीजों के लिए तरसा दिया
बड़े-बड़े देशों को भी हरा दिया !

हाथ मिलाना तो छोड़ो, छूना मना है
दो ग़ज दूर ही रहना, पास आना ग़ुनाह है 
मुँह पर मास्क, हाथों में ग्लप्स
अब इंसानों की नई पहचान है !

घूमना-फिरना मना है
चाट-चटोरी मना है
जिसने भी अपने आप को तीसमारखाँ समझ लिया 
वह खुद तो मरा ही, दूसरो को भी मार दिया !

जो घर में कैद रहेगा
हाथों को लगातार धोता रहेगा, सतर्क रहेगा
दूसरों से दो गज शारीरिक दूरी बनाता रहेगा
सिर्फ वही कर्मयोगी, खुद को स्वस्थ, परिवार को सुरक्षित 
बचा पाने में कामयाब रहेगा !

यह वैश्विक महामारी है
लॉकडाउन का पालन जरूरी है 
नियम को जीवन बनाने वाले की ही अब खै़र है
कोरोना जाने में बहुत देर है !   

जो आया है जरूर जायेगा
सावधान नहीं रहेगा तो पछताऐगा 
धीरज रख, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जाएगा
संतोष कर, आर्थिक संकट भी टल जायेगा !   

जिन्दा रहना जरूरी है
लॉकडाउन सहना जरूरी है 
जरूरी है, घर पर रहकर काम करना
आत्मनिर्भर बन मंदी से निपटना भी ज़रूरी है !

इस लड़ाई में सबका साथ है 
पर कोरोना योद्घाओं ने दिल जीता है 
उपचार, परोपकार से विश्वास जीतकर
जीतगें यह अंधी जंग
अन्जान अदृश्य अजनबी अतिसूक्ष्म दुश्मन को बेख़ौफ आँखें दिखाकर
लगातार साफ-सफाई सुरक्षा
सतत-सावधानी से संक्रमण की कतार तोड़ने की समझदारी दिखाकर
आयुर्वेद के चमत्कार से आत्मबल
योग साधना से मानसिक बल और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर !

हम भले ही घर पर रहें
युद्ध में प्रत्यक्ष भाग न लें पायें
लेकिन अपना-अपना सुनिश्चित किरदार
सिद्दत से निभायेंगें
हर संभव मदद कर पायें ऐसे अवसरों को उत्पन्न कर
पुण्य लाभ कमाऐंगें
नर्स, चिकित्सक, पुलिस, सफाईकर्मचारी का सम्मान कर
कोरोना युद्ध में डटे सभी रणबाँकुरों का उत्साह बढ़ायेंगें ! 

इस बुरे वक्त का सदुपयोग विवेक और समझदारी से करेंगें
कोरोना हारेगा पर, इस काली रात को जागते हुए, साहस से काटना जरूरी है  
हिम्मत, एकता, नियम और संयम से मैदान में डटे रहेंगें
जीत अवश्य हमारी ही होगी परन्तु, पहले डर को निडरता से जीतना जरूरी है !

कोरोना बेशर्म चिपकू विषाणु है संक्रमण में
जिसको जड़ से मिटा देगा भारत 
वक्त तो लगेगा सतर्कता से सफाया करने में 
लंबी-लड़ाई लड़ता चला जायेगा भारत 
स्वस्थ सुन्दर सुहानी सदाबहार सुबह के इंतज़ार में 
लगन लगाकर प्रयास करेगा भारत
घर में ही रहेगा इस लॉकडाउन में 
निरोगी और सुरक्षित रहेगा भारत !

युद्ध का सामान जुटाकर
कोरोना अस्पतालों की झड़ी लगाकर
हम सबके विश्वास पर ख़रा उतरकर
दिल दिमाग से दम लगाकर
आत्मनिर्भरता से स्वदेशी
कोरोना का टीका बनाकर
गर्व और सम्मान से देशी
कोरोनामुक्त रहेगा भारत !

 - रौनक

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