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Chapter 4 :

आज लिखते है!

चलो आज प्यार की बात करते हैं-

अपने-अपनों की बात करते है!

इस रिश्ते की उस रिश्ते से,

उस रिश्ते की इस रिश्ते से-

दिलों की अनकही राज़ लिखते है-

चलो आज प्यार की बात करते है!!

 

प्यार-

एक दूसरे की भावनाओं की क़द्र की बातें-

एक दूसरे को समझने की बातें,

एक दूसरे को अपनाने की बातें-

फिर-

क्यूँ होते जा रहें है हम बागी यहाँ दिन-ब-दिन,

चलो आज प्यार का नया आगाज़ लिखते है!

चलो आज प्यार की बात करते है!!

 

नफ़रत-

प्यार की बात करने वाले,

आज़ नफ़रत को सीने से लगाये बैठे है-

जब भी होती प्यार की बातें-

राहों में काटें बिछायें बैठे है,

नफ़रत को जड़ से हटाने के लिये,

चलो आजसे सब को प्यार की पाठ पढ़ाते है!

चलो आज प्यार की बात करते है!!

 

रिश्ता-

हम रिश्तों की बात करते है-

तो क्यूँ हम प्यार में किश्तों की बात करते है?

ये अटूट बंधन है-

अतुलनीय-असीम-अच्छे-

चैन है, अमन है-

कभी दर्द है तो मरहम भी है-

कभी ख़ुशी है तो कभी आँखे नम भी है-

चलो आज रिश्तों को बचाने के लिए-प्रियम,

अक्स--पयाम लिखते है-

चलो आज प्यार की बात करते है!!