फलसफा-ए-ज़िन्दगी 3 years ago

Poetry 5 Chapter Created 133 Reads 0 Likes

ये किताब हमारे उन सभी साथियों के लिए है जिन्होंने जाने अनजाने में ही सही पर कभी न कभी ज़िन्दगी का कुछ भाग असीम दर्द में बिताया है,अपने प्यार को खोना,ज़िन्दगी में कुछ सपनो को पूरा न कर पाना,ये सब कुछ ऐसी मानसिक पीड़ाएं हैं जिनकी टीस इंसान को ज़िन्दगी भर परेशां करती रहती है,इस किताब में लेखक ने उन्ही ज़ख्मों को शब्दों का ज़ामा पहना कर समाज के सामने लाने की एक कोशिश की है,तो मेरी सभी साथियों से ये दरख्वास्त है की एक बार जरूर इस किताब को पढ़ें,हर एक शायरी,हर एक कविता आपकी कुछ पुरानी यादें ताज़ा कर देगी।

suyash srivastava

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