कितना कॉपी पेस्ट करोगे हुक्मरानों को
अब तो आदमी को आदमी हो जाने दो
नयी तकनीक से बहुत लोग झंझट में है
कभी ज़िक्र पुरानी बातों का आ जाने दो
शहर के रिवाजों में तिकड़म जरुरी है
सादगी में रहना हो तो गाँव आ जाने दो
बेवक्त बारिश में भीगने से डरो मत
अब इश्क़ का मौसम है, आ जाने दो
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