फ़िजूल है ऐसी ज़िन्दगी का होना, मगर
पहले तू रंगों से सराबोर हो के तो देख
मैं तेरे इश्क़ के समंदर में डूब जाऊंगा
तू इतना पानी इकठ्ठा करके तो देख
मेरा मिज़ाज़ -ए-इश्क़ ज़िंदा है अभी
तू इज़हार-ए-मोहब्बत करके तो देख
चाँद तारे तोड़ लाने का दम रख़ता हूँ
इतनी शिद्दत से तू ज़रा चाह के तो देख
सरे बाजार अटकलों का तूफ़ां है साक़ी
एक दफा तू जरा ऐलान करके तो देख