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Chapter 2 :

अधूरा प्यार....सिर्फ चाहत थी।।।।

अधूरा इश्क़'प्यार;चाहत। जो पूरी न हुयी।। बातें हुयी मगर। कहानी पूरी नहीं हुयी। चाहत हुयी मगर मोह्हबत नही हुयी। वो अधूरा प्यार। झग़डे हुए ।ऐतबार हुए। मगर इकरार न हुवा। वो अधूरा प्यार जिशमे मुलाकाते थी।। दोस्ती थी।दुवाएं थी । मगर सायद चाहत के अलावा।। कुछ और न था।। मोह्हबत होती तोह।। किसी और की न वो होती।। मोह्हबत होती।। तोह यूह रुषवा न होती। न होती युही खुद्गर्ग।। चाहत थी जो खत्म हुयी ।। मोह्हबत न थी।। दोस्ती भी न थी। बस चाहत थी जो खत्म हुयी।