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Chapter 1 :

श्राप तीन हजार ईसा पूर्व का बदला 1-2 page

इस कहानी की शुरुआत जर्मनी देश से हुई l आधी रात सुनसान हाइवे पर एक आलिशान कार सड़क पर दौड़ती चल रही थी l जिसे 18 वर्षिया लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बैठकर मजे से चला रहा था l वो दोनों काफी खुश थे क्योकि बहुत ही जल्द उन दोनों की शादी होने वाली थी l कार के अन्दर से माइकल जैकसन का संगीत उस वीरान घाटियों में गूंज रहा था l अचानक उनके कार के सामने ना जाने कंहा से एक लड़की आ गयी l इस से पहले की कार का ब्रेक लाग पाते l उसकी जबरदस्त टक्कर से वो लड़की काफी दूर जाकर गिरी l दोनों घबराये हुए हालत में कार से बाहर आये और उस घायल लड़की की तरफ बढने लगे l अचानक वो घायल लड़की उन के सामने खड़ी हो गयी और उसका शरीर धीरे-धीरे हवा में उड़ने लगा l यह देखकर दोनों बुरी तरह से घबराह गए l वह लड़की अपने बॉयफ्रेंड से कहती है कि ये इन्सान नहीं है बल्कि कोई शैतान या बुरी आत्मा है है जल्दी यंहा से निकलो l वह घायल लड़की शैतान की तरह चीखते-चिल्लाते हुए हवा में उड़कर उनके पास आने लगी l दोनों तुरंत ही कार में बैठकर वहां से भाग निकले l कुछ किलोमीटर पहुंचकर दोनों ने रहत की साँस ली l वह लड़का अपनी गर्लफ्रेंड से कहता है कि श्रुक है ! उस बुरी आत्मा से हमारा पीछा छूटा l इसके बाद दोनों एक दूसरे की तरह देखकर मुस्कुरा ही रहे थे कि तभी अनजान शक्ति ने कार की छत को कागज की तरह फाड़ दिया और लडके को अपने साथ लेकर कही गायब हो गयी l चलती कार अपने संतुलन खोकर एक पेड़ से जा टकरायी l तभी उसकी गर्लफ्रेंड को एक दर्दनाक चीख सुनाई दी l जिसे सुनकर वो थर –थर कांपने लगी l इस से पहले की वो कुछ समझ पाती उसके बॉयफ्रेंड का बिना सिर वाला शरीर कार के सामने आकर गिरा l यह देखकर उसकी गर्लफ्रेंड जोर से चिल्लायी और वही पर बेहोश हो गयी l श्राप तीन हजार ईसा पूर्व का बदला इस घटना के 15 साल बाद – सुबह के समय ऐफरिल पार्क में एक सुन्दर सी लड़की अपने कुत्ते को घूमा रही थी कि अचानक उसका कुत्ता उस से अपना जंजीर छुड़ाकर सड़क की तरह भागा l वह लड़की जोर से चिल्लायी- नहीं पल्टू l मगर पल्टू कहाँ मनाने वाला था l वह पार्क के रेलिंग से निकलकर सड़क की तरफ भाग गया l वह लड़की भी अपने कुत्ते के पीछे तेजी से दौड़ी l वह पार्क से बहार आकर इधर-उधर देखने लगी l तभी उसे सड़क की दूसरी तरफ लोगो की भीड़ दिखायी दी l वह लोगो की भीड़ को हटाते हुए सामने आकर देखी तो उसके पैरो तले से जमीन खिसक गयी l उसका कुत्ता सड़क के बीचो-बीच खड़ा होकर आती-जाती करो पर भौक रहा था l तभी तेजी गति से चली आ रही प्रेट्रोल से भरी ट्रक उस कुत्ते के एकदम नजदीक आ गयी l वह अपने कुत्ते को बचाने के लिए जैसे ही उसकी तरफ भागी l उसी समय सड़क के किनारे खड़े लोगो ने उसका हाथ पकड़कर ऐसा करने से रोका लिया l यह देखकर उस लड़की ने अपनी आँखे बंद कर ली l ना जाने से कहाँ से एक सुन्दर लड़का हवा की तरह आया और उसके सामने से उस कुत्ते को उठाकर बचा लिया l उसकी बहादुरी को देखकर वहां पर मौजूद सारे लोग जोर-जोर से तालियाँ बजाने लगे l तभी उस लड़की को अपने कुत्ते के भोंकने की आवाज सुनायी दी l उसने आंखे खोलकर देखा तो उसका कुत्ता सही-सलामत था l वह लड़का उस लड़की के पास जाकर कहता है कि ये लीजिये आपका कुत्ता ये जानवर बहुत ही शरारती होते है और मौका पाते ही भागने की कोशिश करते है l इस से पहले की वो लड़की कुछ कह पाती l वह लड़की अपनी आलिशान कार में बैठकर वहां से चला गया l अपने घर पहुंचकर उस अजनबी लडके की बात को याद करके मुस्कुरा रही थी कि उसी समय कार की हॉर्न सुनायी दी l उसके घर के बाहर लिखा था – डॉक्टर नार्मन हार्वे l वह अपना बैग लेकर सीढियों से नीचे उतरने लगी l तभी उसकी मम्मी नार्मन हार्वे उस से कहती है कि बेटा अनु ! पहले नाशत कर लो, भूखे कही नहीं जाये करते इस बात पर अनुराधा जिसका पूरा नाम (अनुराधा डगलस मिचेल हार्वे ) मुस्कुराकर उनसे कहती है कि मम्मी कॉलेज जाने में देरी हो रही है l इतना कहकर अपने घर से बाहर आयी , कार में बैठी स्नेह मैकलिन जोर से होर्न बजाकर उसे कहती है कि अब जल्दी भी करो यार ! स्नेह मैकलिन ओरबिन कॉलेज की प्रेसीडेंट थी जो स्टूडेंट की परेशानियाँ को कॉलेज प्रशासन के सामने रखकर तुरंत ही उसका समाधान करवाती और कॉलेज के बाहर एक जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता थी l जिसकी फोटो आये दिन अखबार और मैगज़ीन के पहले पन्नो छपती रहती थी l अनुराधा स्नेह मैकलिन से कहती है कि जरा सी देर क्या हो गयी ? तुम तो कार की हॉर्न बजाकर पुरे शहर को उठा दिया l स्नेह मैकलिन अनुराधा से कहती है कि तुम अच्छी तरह से जानती हो कि मुझे देर से आने वाले लोगो से सख्त नफरत है l जबकि तुम मेरी सबसे प्यारी दोस्त हो इसलिये मै तुम माफ कर देती हो l अनुराधा स्नेह मैकलिन से कहती है कि इसलिये मै तुमसे प्यार करती हो ! स्नेह मैकलिन रंगीन चश्मा लगाकर उस से कहती है कि अब मक्खन लगाना बंद करो , वरना मै मोटी हो जाओगी l दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे l ओरबिन कॉलेज पहुंचकर अनुराधा ने स्नेह मैकलिन को सुबह में घटी सारी घटना बता दी l स्नेह मैकलिन उस से कहती है कि उसका नाम पूछा ? अनुराधा उस से कहती है कि इस से पहले की उसका नाम पूछती वो वहां से जा चुका था l इस तरह दोनों आपस में बात-चीत करते हुए अपने क्लास में आ गयी l उस लडके को अपने ही क्लास रूम में बैठ देखकर अनुराधा बहुत ही खुश हुई l उसने तुरंत ही स्नेह मैकलिन को इशारा करके बतायी कि ये वही सुबह वाला लड़का है जिसने मेरे कुत्ते की जान बचायी थी l स्नेह मैकलिन अनुराधा के कान में धीरे से कहा कि ठीक है क्लास के बाहर मिलते है इस से !