Autho Publication
8StmbhLo6J-JFfzqBm2EwQNDTp9CrAGV.jpg
Author's Image

Pre-order Price

.00

Includes

Author's ImagePaperback Copy

Author's ImageShipping

BUY

Chapter 1 :

नगमे

वफाई के नगमे मै गाता चलू 

गाता चलू मै सुनाता चलू 

तेरी चाहत में मैंने क्या कर दिया
खुद को सारे जहाँ से जुदा कर लिया

मैंने तोड़ा ये रिश्ता ऐसे सनम 
होंगे अब न जुदा हम तेरी कसम... 

तेरी जुल्फों के साये में उलझा मै ऐसे 
सोचता हूँ अब निकलूं मै कैसे 

आँखे है तेरी बेशक कातिलाना 
पलकों में तेरी सोये ये जमाना 
सोते ज़माने को मै उठता चलू 
वफाई के नगमे मै गाता चलू 
तुम्हें नये गीत मैं सुनाता चलू..!!