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Chapter 3 :

आज लिखते है!

चलो आज प्यार की बात करते हैं- 

अपने-अपनों की बात करते है! 
इस रिश्ते की उस रिश्ते से, 
उस रिश्ते की इस रिश्ते से- 
दिलों की अनकही राज़ लिखते है- 
चलो आज प्यार की बात करते है!! 

प्यार- 
एक दूसरे की भावनाओं की क़द्र की बातें- 
एक दूसरे को समझने की बातें, 
एक दूसरे को अपनाने की बातें- 
फिर- क्यूँ होते जा रहें है हम बागी यहाँ दिन-ब-दिन,
चलो आज प्यार का नया आगाज़ लिखते है! 
चलो आज प्यार की बात करते है!! 

नफ़रत- 
प्यार की बात करने वाले, 
आज़ नफ़रत को सीने से लगाये बैठे है- 
जब भी होती प्यार की बातें- 
राहों में काटें बिछायें बैठे है,
नफ़रत को जड़ से हटाने के लिये, 
चलो आजसे सब को प्यार की पाठ पढ़ाते है! 
चलो आज प्यार की बात करते है!! 

रिश्ता- 
हम रिश्तों की बात करते है- 
तो क्यूँ हम प्यार में किश्तों की बात करते है? 
ये अटूट बंधन है- 
अतुलनीय-असीम-अच्छे- 
चैन है, अमन है- कभी दर्द है तो मरहम भी है- 
कभी ख़ुशी है तो कभी आँखे नम भी है- 
चलो आज रिश्तों को बचाने के लिए-प्रियम, 
अक्स-ए-पयाम लिखते है- 
चलो आज प्यार की बात करते है!!
चलो आज प्यार की बात करते है!!