ख्वाहिशें चाँद की- मेरे ख़्वाब औऱ हकीक़त की जुगलबंदी 5 years ago

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ख्वाहिशें चाँद की- मेरे ख़्वाब औऱ हकीक़त की जुगलबंदी, एक ऐसी कविता (छोटी और बड़ी) संग्रह है जो कवि के ख्वाब (कवि की जो प्रेरणा है उससे मिलने के पहले की) और हक़ीक़त (जो अभी वर्तमान में है) उन दोनों की जुगलबंदी को लिखी गयी है. कवि की सोच उस प्रेरणा से मिलने की पहले की क्या थी, वो क्या सोचता था, क्या समझता था, और जब से वो (कवि की प्रेरणा) मिली, तब से कवि का ख्वाब हक़ीक़त में बदलने की एक कोशिश और फिर उन सारी कोशिशों के बीच एक हर दिन कुछ ना कुछ लिखना और फिर उसे संग्रहित करके उसे एक किताब में प्रवर्तित करने की छोटी सी प्रयास है ये किताब. ये कविता संग्रह एक खूबसूरत लड़की की खूबसूरती को और खूबसूरत बनाती है, जिससे कवि आजतक मिला नही, पर अपनी भावनायें और लेखनी के ज़रिए उस तक पहुँचने की कोशिश की है, जो इसे और खाश बनाती है. आशा है मेरी ये प्रयास आपलोगों को पसंद आएगी. एक मेरे जैसे लिखने वालों के लिए आप सब ही प्रेरणादायक है जिससे मैं प्रोत्साहित होता हूँ. आप सब से मेरी गुज़ारिश है कि ये किताब को प्री-ऑर्डर करें और मुझे मेरी पहली किताब को प्रकाशित होने में मुझे अपना योगदान दे, जो मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी. आभार:प्रियमSri

Priyam Sri

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