मह एक शहय की रड़की की कहानी ह, जजस उसक भा फाऩ फचऩन भ आई क ऩास ही छोड़ गए थ। 20 सार की उम्र ऩयी होन ऩय उसक भा-फाऩ उस वापऩस रन आत ह। रड़की शहय भ ऩरी फढ़ी थी, उस गाव भ यहत हए कापी भजककर होती ह। एक घटना स प्रबापवत होकय वो सयऩच फनन का प्रण रती ह, ऩयत गाव की जजन्दगी भ औय शहय की जजन्दगी भ कापी पक था। उसका इस सपय भ एक रूद्र नाभ का रड़का साथ दता ह। मह कहानी ऩण रूऩ स काल्ऩननक ह। इस कहानी भ ग्राभीण पवकास क जरयम मभरन वारी सपवधा, आभ नागरयक क ह ्क क फाय भ फतामा गमा ह, रखक इस कहानी की भध्म स फताना चाहता ह क नायी ककसी बी वग भ कभजोय नही ऩयत उन्ह एक सच्च साथ की जरूयत होती हैं।